सामंती दीवारों के बीच

शहर का बाप नहीं होता
इनके फ़रिश्ते क़ानून तोड़ते है
कुतर दिये गए पंखो में
गौरैयां
उड़ने की कोशिश में फडफडाती हैं 
  
मांये दीवारों में चून्न दी गयी है
बावजूद इसके
वे फरिश्तो को दीवार फांदना सिखाती है
और गौरैयो को फडफड़ाना

सामंती दीवारों में
सिर्फ
धंसता है वक्त
फ़रिश्ते सपनें देखते हैं 
और गौरैयाँ आसमान तलाशती है !